न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Wed, 04 Mar 2020 12:05 AM IST
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूर्व अदाकारा से छेड़खानी के मामले में दोषी की सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि महिला को भले ही कम जानकारी हो लेकिन जब एक पुरुष उसे स्पर्श करता है या देखता है तो उसे उसकी मंशा के बारे में पता होता है।
न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण दिसंबर 2017 में एक घरेलू उड़ान में एक पूर्व अभिनेत्री के साथ छेड़छाड़ करने के अपराध में दोषी ठहराए गए 41 वर्षीय व्यापारी विकास सचदेव की उस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें उन्होंने मामले में अपनी दोषसिद्धि और तीन साल की सजा को चुनौती दी है। अदालत ने मंगलवार को सचदेव की याचिका स्वीकार करते हुए उसकी सजा पर मामले की सुनवाई एवं फैसला आने तक रोक लगा दी।
सत्र अदालत ने 15 जनवरी, 2020 को विकास सचदेव को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला पर उसकी शीलता को भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था। पीड़िता घटना के वक्त नाबालिग थी। सत्र अदालत ने उसी दिन सचदेव को जमानत दे दी थी और उसकी सजा को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूर्व अदाकारा से छेड़खानी के मामले में दोषी की सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि महिला को भले ही कम जानकारी हो लेकिन जब एक पुरुष उसे स्पर्श करता है या देखता है तो उसे उसकी मंशा के बारे में पता होता है।
न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण दिसंबर 2017 में एक घरेलू उड़ान में एक पूर्व अभिनेत्री के साथ छेड़छाड़ करने के अपराध में दोषी ठहराए गए 41 वर्षीय व्यापारी विकास सचदेव की उस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें उन्होंने मामले में अपनी दोषसिद्धि और तीन साल की सजा को चुनौती दी है। अदालत ने मंगलवार को सचदेव की याचिका स्वीकार करते हुए उसकी सजा पर मामले की सुनवाई एवं फैसला आने तक रोक लगा दी।
सत्र अदालत ने 15 जनवरी, 2020 को विकास सचदेव को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला पर उसकी शीलता को भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था। पीड़िता घटना के वक्त नाबालिग थी। सत्र अदालत ने उसी दिन सचदेव को जमानत दे दी थी और उसकी सजा को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया था।
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