कोविड-19 की वैक्सीन – सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : pixabay
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150 से अधिक टीकों का चल रहा परीक्षण
अभी दुनिया भर में 57 टीकों का मनुष्य पर है जबकि 87 का परीक्षण जानवरों पर हो रहा है। 13 टीके अंतिम चरण के परीक्षण में पहुंचे हैं जिसमें कुछ के नतीजे निराशाजनक रहे, तो कुछ का परीक्षण सटीक परिणाम आने से पहले ही बंद हो गया है। गिनती के कुछ ही टीके हैं जिनसे उम्मीद की किरण है और वह वायरस के खिलाफ कारगर हो सकती है। अगर अलग-अलग टीके परीक्षा में पास होते हैं तो दुनिया के लिए टीके की उपलब्धता आसान होगी।
ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका
इस वैक्सीन की दो डोज लगेगी। दावा है कि 70 फीसदी लोगों में कोरोना के लक्षण विकसित नहीं होगा खासकर बुजुर्ग लोगों में कोरोना के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी विकसित होगी। परीक्षण के आधार पर दावा किया गया है कि यह वैक्सीन 90 फीसदी सुरक्षित है। ब्रिटेन ने इस वैक्सीन की भी 10 करोड़ डोज का ऑर्डर दे दिया है।
वितरण आसान
इस वैक्सीन के विशेषता यह है कि इसे बहुत अधिक ठंडे या माइनस के तापमान पर रखने की जरूरत नहीं होगी। इसलिए इसका वितरण आसान होगा इसे चिंपैंजी में होने वाले सामान्य सर्दी के वायरस से तैयार किया गया है जो मनुष्य में बढ़ नहीं सकता है।
मॉडर्ना वैक्सीन
यह वैक्सीन भी फाइजर के टीके पर ही आधारित है ब्रिटेन ने इसके भी 50 लाख डोज का ऑर्डर दे दिया है। 4 सप्ताह के भीतर इस टीके की भी दो डोज लगेगी।इसके परीक्षण में 30 हजार लोग शामिल हैं। आधे लोगों को वैक्सीन दी जा रही है जबकि आधे को प्लेसीबो दिया जा रहा है।
6 माह तक सुरक्षित
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस वैक्सीन की विशेषता यह है कि यह माइनस 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर 6 महीने तक सुरक्षित रह सकती है। वैक्सीन को पूर्ण रूप से हरी झंडी मिलती है तो कोल्ड चेन मेंटेन कर वितरण करना आसान होगा।
स्पुतनिक वी
रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस इन स्पुतनिक वी लांच करने का दावा किया है। दावा है कि यह वैक्सीन भी ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की तरह ही काम करेगी जो 92 फीसदी असरदार है। रूस के गमाल्य रिसर्च इंस्टीट्यूट ने दावा किया था कि वह अंतिम नतीजे तक पहुंचने के लिए वैक्सीन का 40 हजार लोगों पर अध्ययन करेगा।
विवाद
रूस की वैक्सीन को लेकर वैज्ञानिकों में विवाद की स्थिति है। कम लोगों पर परीक्षण और पूरे आंकड़े सार्वजनिक न करने के कारण इस व्यक्ति को असरदार नहीं माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पष्ट आंकड़ों से ही इसका भविष्य तय होगा।