उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान भराड़ीसैंण में आज सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश किया। बजट में सरकार ने 53526 करोड़ के बजट की व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का वर्ष 2020-21 का बजट नवीन आकांक्षाओं एवं आशाओं के साथ-साथ प्रदेश के निर्बल वर्ग की आवश्यकताओं को पूरा करने के ध्येय से बनाया गया बजट है। इसमें समाज के सभी वर्गों- किसान, मातृशक्ति ,युवाओं एवं उद्योग क्षेत्रों की सभी जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने विपक्ष के हंगामे की बीच आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। जिसके तहत सकल घरेलू उत्पाद में 6.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। राज्य में प्रतिव्यक्ति आय एक लाख 98 हजार 738 है। वहीं कृषि और खनन में ग्रोथ रेट नेगेटिव है। पशुपालन में गोवंशीय और महिवंशीय नेगेटिव ग्रोथ 9.38 है। दुग्ध उत्पादन बढ़ा है। फॉरेस्ट कवर 8.04 प्रतिशत बढ़ा है।

आर्थिक सुस्ती के बावजूद आर्थिक विकास दर मात्र .07 प्रतिशत ही कम हुई। राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है, पिछले वर्ष मुकाबले बेहतर है। केंद्रीय करों में राज्य को 23662 करोड़ मिलने हैं। 82.72 प्रतिशत बैंक खातों को आधार से जोड़ा गया है। 12 प्रतिशत राजस्व विकास दर रही है। जीएसटी से राज्य को 16 प्रतिशत का फायदा हुआ है। पेट्रोल डीजल से 3.79 प्रतिशत आय घटी है। कुल राजस्व में 18 प्रतिशत से ज्यादा अकेले आबकारी की भागेदारी है।
उत्तराखंड पर महंगाई की मार रही। जनवरी 2019 से दिसंबर तक महंगाई दर राष्ट्रीय दर से अधिक रही। 95 प्रतिशत राशन कार्ड आधार से लिंक हुए। कृषि भूमि कम हुई उत्पादकता मामूली बढ़ी है। नमामि गंगे में 387 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। एक लाख 11 हजार 221 लोगों को रोजगार मिला है। 37 हजार 894 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। खनन पर 31 मार्च 2020 तक मात्र 411 करोड़ का राजस्व मिलेगा। जबकि 750 करोड़ का लक्ष्य था। सड़कों का विस्तार हुआ है। मार्च 2018 तक प्रति लाख लोगों पर 428 किमी. हुई। 16 हजार राजस्व गांव में से 12 हजार सड़कों से जुड़े। 14 हजार 452 राजकीय विद्यालयों में 4 लाख 67 हजार 122 छात्र हैं। चार हजार 726 निजी स्कूलों में पांच लाख 67 हजार 247 छात्र अध्ययनरत हैं। आयुष्मान के 38 लाख गोल्डन कार्ड बने हैं। 5050 शौचालय निर्माणाधीन हैं।
इससे पहले आज की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के मामले पर राज्य सरकार को घेरा। वेल में पहुंचकर हंगामा किया। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के मामले को नियम-58 में सुनने के आश्वासन पर विपक्षी विधायक माने।
इस समय प्रदेश सरकार कई चुनौतियों का सामना कर रही है। सरकार की कोशिश इस बजट के जरिए इन चुनौतियों से पार पाने का रास्ता निकालने की भी है। त्रिवेंद्र सरकार ने इस बजट में राजस्व बढ़ाने के लिए रोडमैप भी सामने रखा है। जैविक खेती और किसानों की आय दोगुनी करने के वायदे को सरकार भी इस बजट के जरिये आगे बढाया गया है।

पर्यटन में सरकार को केंद्र से खासी मदद मिलती रही है। इस सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए एडवेंचर टूरिज्म विभाग खोलने की तैयारी में है। इससे जुड़ी नई योजनाएं त्रिवेंद्र सिंह रावत के बजट में हैं। दूसरी तरफ सरकार के इस बजट का विरोध विपक्ष करेगा। ऐसे में सदन में बजट पेश करने के दौरान ट्रेजरी बैंच को विपक्ष के अक्रामक रुख का सामना करना पड़ सकता है।
भराड़ीसैंण में हो रहा बजट सत्र ऐतिहासिक है। सरकार का आम बजट विकास के रूप में सामने आया है। युवाओं, महिलाओं, किसानों और कर्मचारियों के साथ हर वर्ग के विकास को बजट में शामिल किया है। इसके माध्यम से सरकार की पिछले तीन वर्षों में लाई योजनाओं को और गति दी गई है।। साथ ही आने वाले दो सालों में नई योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए बजट में खास व्यवस्था है।
-मदन कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री
प्रदेश सरकार का अभी तक कोई भी बजट प्रभावी नहीं रहा है। सरकार की वित्तीय स्थिति भी ठीक नहीं है। सरकार उधार लेकर अपना पुराना कर्ज चुकता कर रही है। बजट में कुछ भी खास नहीं है।
-इंदिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष
– वर्ष 2019-20 का बजट
– माल एवं सेवा कर संशोधन अधिनियम
– उत्तराखंड शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण अधिनियम
– उत्तराखंड मंत्री वेतन, वेतन, भत्ता 2019 अधिनियम
– उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद संशोधन अधिनियम
– उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम
– उत्तराखंड भूतपूर्व मुख्यमंत्री आवासीय एवं अन्य सुविधाएं
– उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम
– उत्तराखंड जैविक कृषि अधिनियम
– उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन अधिनियम
– कृषि उत्पाद मंडी संशोधन अधिनियम
– फल पौधशाला अधिनियम
– संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम 1910 संशोधन विधेयक
– यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रुड़की विधेयक
– उत्तराखंड-उत्तरप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 संशोधन अधिनियम (संशोधन विधेयक)
– उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1959 संशोधन अधिनियम (संशोधन विधेयक)
– उत्तराखंड साक्षी संरक्षण विधेयक
– उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक
– उच्च शिक्षा परिषद अधिनियम, 1995 संशोधन विधेयक
– उत्तराखंड उपकर संशोधन विधेयक
– ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक
-जमरानी बांध के अंतर्गत आ रहे लोगों के पुनर्वास के लिए 220 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-हर घर नल से जल के लिए 134 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
-हरिपुरा और तुमड़िया जलाशय के लिए पावर प्रोजेक्ट पर 20-21 में काम शुरू हो जाएगा।
-जंगली जानवरों द्वारा किए गए नुकसान प्राकृतिक आपदा की सूची में शामिल।
-गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित।
-मंडुवा, उड़द, गहत, मसूर, आदि के लिए लिए कृषि उत्पादन सर्वेक्षण योजना
-मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (15 करोड़)
-मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना (18 करोड़)
-मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना (18 करोड़)
-मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़।
-कौशल विकास के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा।
-युवाओं को हुनर विशेष सिखाने लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता योजना के तहत निश्चित राशि दी जाएगी।
-राज्य के 67 गांवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य।
-सड़कों निर्माण में तीव्रता लाने के लिए 1072 करोड़ का प्रावधान।
-2021 में 3063 शिक्षा विभाग में नियुक्तियां की जाएगी।
-बाल विकास में 1224 कर्मियों की भर्ती की जाएगी।
-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 76 करोड़ की धनराशि का प्रावधान
-निवेशक सम्मेलन में 22 हजार करोड़ की पूंजी निवेश से 57314 रोजगार के अवसर मिलेंगे।
-विदेशों में बसे लोगों को निवेश से जोड़ने के लिए अलग से विभाग बनेगा।
-पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 2174 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है।
-रबी खरीफ के लिए 23 करोड़ा का प्रावधान किया गया है।
-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 53 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित
-मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकनाइजेशन के तहत 500 फार्म मशीनरी बैंक, 800 कस्टम हायरिंग
सिस्टम स्थापित होंगे।
-किसानों के अवशेष गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 240 करोड़
की धनराशि की व्यवस्था।
-राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के लिए 100 करोड़ की धनराशि।
-दुग्ध सहकारिताओं के विकास के लिए 444.62 करोड़ का प्रावधान।
-सहकारी समिति में कंप्यूटराइजेशन के लिए 10 करोड़ का प्रावधान।
-दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान योजना के तहत 27 करोड़ का प्रावधान।
-पशुपालन विभाग के लिए 414.35 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-नरेगा के लिए 266.70 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान।
-सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से डेढ़ सौ से अधिक जनसंख्या वाले सीमावर्ती गांवों में सड़क पहुंचाई जाएगी।
– हल्द्वानी-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के लिए हेली सेवा शुरू की जाएगी।
-राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी और संबद्ध चिकित्सालयों के लिए 110, अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के लिए 89.15 करोड़ की व्यवस्था।
-दिव्यांग, वृद्धावस्था, विधवा पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रतिमाह करा दी गई है।
-आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए 48.60 करोड़।
-राष्ट्रीय पोषक मिशन के तहत 45 करोड़ का प्रावधान।
-नंदागौरा योजना के लिए 80 करोड़ की धनराशि का प्रावधान
-मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना के लिए 17.50 करोड़।
-बाल पलास योजना के लिए 25 करोड़ का प्रावधान।
-महिला पोषण के लिए 20 करोड़ का प्रावधान
-समाज कल्याण महिला सशक्तीकरण के लिए 2014.09 करोड़।
-शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 133 करोड़
-स्कूलों में 3 लाख से अधिक छात्रों को फर्नीचर उपलब्ध कराया जाएगा।
-सबके लिए स्वास्थ्य : शीघ्र ही 314 डाक्टरों के पदों को भरने के लिए चिकित्सक चयन आयोग
बना लिया जाएगा।
-अटल आयुष्मान योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान
-राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 380.50 करोड़ का प्रावधान।
-वनों को अग्निसुरक्षा से बचाने के लिए 19.92 करोड़ का प्रावधान।
-जायका परियोजना (वन पंचायतों के वन आवरण में वृद्धि, वनों के निक टवर्ती गांववालों की
-आजीविका में सुधार तथा वनों पर निर्भरता कम करने के लिए 110 करोड़ का प्रावधान।
-ईको टूरिज्म नीति जल्द लागू होगी।
-वीरचंद्र गढ़वाली योजना के लिए 17.50 करोड़ प्रावधान।
सार
- सदन में हंगामे के आसार, कांग्रेस लाएगी कार्य स्थगन प्रस्ताव
विस्तार
उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान भराड़ीसैंण में आज सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश किया। बजट में सरकार ने 53526 करोड़ के बजट की व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का वर्ष 2020-21 का बजट नवीन आकांक्षाओं एवं आशाओं के साथ-साथ प्रदेश के निर्बल वर्ग की आवश्यकताओं को पूरा करने के ध्येय से बनाया गया बजट है। इसमें समाज के सभी वर्गों- किसान, मातृशक्ति ,युवाओं एवं उद्योग क्षेत्रों की सभी जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने विपक्ष के हंगामे की बीच आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। जिसके तहत सकल घरेलू उत्पाद में 6.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। राज्य में प्रतिव्यक्ति आय एक लाख 98 हजार 738 है। वहीं कृषि और खनन में ग्रोथ रेट नेगेटिव है। पशुपालन में गोवंशीय और महिवंशीय नेगेटिव ग्रोथ 9.38 है। दुग्ध उत्पादन बढ़ा है। फॉरेस्ट कवर 8.04 प्रतिशत बढ़ा है।

आर्थिक सुस्ती के बावजूद आर्थिक विकास दर मात्र .07 प्रतिशत ही कम हुई। राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है, पिछले वर्ष मुकाबले बेहतर है। केंद्रीय करों में राज्य को 23662 करोड़ मिलने हैं। 82.72 प्रतिशत बैंक खातों को आधार से जोड़ा गया है। 12 प्रतिशत राजस्व विकास दर रही है। जीएसटी से राज्य को 16 प्रतिशत का फायदा हुआ है। पेट्रोल डीजल से 3.79 प्रतिशत आय घटी है। कुल राजस्व में 18 प्रतिशत से ज्यादा अकेले आबकारी की भागेदारी है।
उत्तराखंड पर महंगाई की मार रही। जनवरी 2019 से दिसंबर तक महंगाई दर राष्ट्रीय दर से अधिक रही। 95 प्रतिशत राशन कार्ड आधार से लिंक हुए। कृषि भूमि कम हुई उत्पादकता मामूली बढ़ी है। नमामि गंगे में 387 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। एक लाख 11 हजार 221 लोगों को रोजगार मिला है। 37 हजार 894 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। खनन पर 31 मार्च 2020 तक मात्र 411 करोड़ का राजस्व मिलेगा। जबकि 750 करोड़ का लक्ष्य था। सड़कों का विस्तार हुआ है। मार्च 2018 तक प्रति लाख लोगों पर 428 किमी. हुई। 16 हजार राजस्व गांव में से 12 हजार सड़कों से जुड़े। 14 हजार 452 राजकीय विद्यालयों में 4 लाख 67 हजार 122 छात्र हैं। चार हजार 726 निजी स्कूलों में पांच लाख 67 हजार 247 छात्र अध्ययनरत हैं। आयुष्मान के 38 लाख गोल्डन कार्ड बने हैं। 5050 शौचालय निर्माणाधीन हैं।
इससे पहले आज की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के मामले पर राज्य सरकार को घेरा। वेल में पहुंचकर हंगामा किया। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के मामले को नियम-58 में सुनने के आश्वासन पर विपक्षी विधायक माने।
हर वर्ग के विकास को बजट में शामिल किया
इस समय प्रदेश सरकार कई चुनौतियों का सामना कर रही है। सरकार की कोशिश इस बजट के जरिए इन चुनौतियों से पार पाने का रास्ता निकालने की भी है। त्रिवेंद्र सरकार ने इस बजट में राजस्व बढ़ाने के लिए रोडमैप भी सामने रखा है। जैविक खेती और किसानों की आय दोगुनी करने के वायदे को सरकार भी इस बजट के जरिये आगे बढाया गया है।

पर्यटन में सरकार को केंद्र से खासी मदद मिलती रही है। इस सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए एडवेंचर टूरिज्म विभाग खोलने की तैयारी में है। इससे जुड़ी नई योजनाएं त्रिवेंद्र सिंह रावत के बजट में हैं। दूसरी तरफ सरकार के इस बजट का विरोध विपक्ष करेगा। ऐसे में सदन में बजट पेश करने के दौरान ट्रेजरी बैंच को विपक्ष के अक्रामक रुख का सामना करना पड़ सकता है।
भराड़ीसैंण में हो रहा बजट सत्र ऐतिहासिक है। सरकार का आम बजट विकास के रूप में सामने आया है। युवाओं, महिलाओं, किसानों और कर्मचारियों के साथ हर वर्ग के विकास को बजट में शामिल किया है। इसके माध्यम से सरकार की पिछले तीन वर्षों में लाई योजनाओं को और गति दी गई है।। साथ ही आने वाले दो सालों में नई योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए बजट में खास व्यवस्था है।
-मदन कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री
प्रदेश सरकार का अभी तक कोई भी बजट प्रभावी नहीं रहा है। सरकार की वित्तीय स्थिति भी ठीक नहीं है। सरकार उधार लेकर अपना पुराना कर्ज चुकता कर रही है। बजट में कुछ भी खास नहीं है।
-इंदिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष
विधेयक जो अधिनियम बनें
– वर्ष 2019-20 का बजट
– माल एवं सेवा कर संशोधन अधिनियम
– उत्तराखंड शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण अधिनियम
– उत्तराखंड मंत्री वेतन, वेतन, भत्ता 2019 अधिनियम
– उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद संशोधन अधिनियम
– उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम
– उत्तराखंड भूतपूर्व मुख्यमंत्री आवासीय एवं अन्य सुविधाएं
– उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम
– उत्तराखंड जैविक कृषि अधिनियम
– उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन अधिनियम
– कृषि उत्पाद मंडी संशोधन अधिनियम
– फल पौधशाला अधिनियम
सदन में पेश हुए ये विधेयक
– संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम 1910 संशोधन विधेयक
– यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रुड़की विधेयक
– उत्तराखंड-उत्तरप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 संशोधन अधिनियम (संशोधन विधेयक)
– उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1959 संशोधन अधिनियम (संशोधन विधेयक)
– उत्तराखंड साक्षी संरक्षण विधेयक
– उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक
– उच्च शिक्षा परिषद अधिनियम, 1995 संशोधन विधेयक
– उत्तराखंड उपकर संशोधन विधेयक
– ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक
बजट में हुए ये प्रावधान:
-जमरानी बांध के अंतर्गत आ रहे लोगों के पुनर्वास के लिए 220 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-हर घर नल से जल के लिए 134 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
-हरिपुरा और तुमड़िया जलाशय के लिए पावर प्रोजेक्ट पर 20-21 में काम शुरू हो जाएगा।
-जंगली जानवरों द्वारा किए गए नुकसान प्राकृतिक आपदा की सूची में शामिल।
-गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित।
-मंडुवा, उड़द, गहत, मसूर, आदि के लिए लिए कृषि उत्पादन सर्वेक्षण योजना
-मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (15 करोड़)
-मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना (18 करोड़)
-मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना (18 करोड़)
-मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़।
-कौशल विकास के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा।
-युवाओं को हुनर विशेष सिखाने लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता योजना के तहत निश्चित राशि दी जाएगी।
-राज्य के 67 गांवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य।
-सड़कों निर्माण में तीव्रता लाने के लिए 1072 करोड़ का प्रावधान।
-2021 में 3063 शिक्षा विभाग में नियुक्तियां की जाएगी।
-बाल विकास में 1224 कर्मियों की भर्ती की जाएगी।
-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 76 करोड़ की धनराशि का प्रावधान
-निवेशक सम्मेलन में 22 हजार करोड़ की पूंजी निवेश से 57314 रोजगार के अवसर मिलेंगे।
-विदेशों में बसे लोगों को निवेश से जोड़ने के लिए अलग से विभाग बनेगा।
-पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 2174 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है।
-रबी खरीफ के लिए 23 करोड़ा का प्रावधान किया गया है।
-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 53 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित
-मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकनाइजेशन के तहत 500 फार्म मशीनरी बैंक, 800 कस्टम हायरिंग
सिस्टम स्थापित होंगे।
-किसानों के अवशेष गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 240 करोड़
की धनराशि की व्यवस्था।
-राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के लिए 100 करोड़ की धनराशि।
-दुग्ध सहकारिताओं के विकास के लिए 444.62 करोड़ का प्रावधान।
-सहकारी समिति में कंप्यूटराइजेशन के लिए 10 करोड़ का प्रावधान।
-दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान योजना के तहत 27 करोड़ का प्रावधान।
-पशुपालन विभाग के लिए 414.35 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-नरेगा के लिए 266.70 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान।
-सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से डेढ़ सौ से अधिक जनसंख्या वाले सीमावर्ती गांवों में सड़क पहुंचाई जाएगी।
ये भी हैं शामिल
– हल्द्वानी-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के लिए हेली सेवा शुरू की जाएगी।
-राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी और संबद्ध चिकित्सालयों के लिए 110, अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के लिए 89.15 करोड़ की व्यवस्था।
-दिव्यांग, वृद्धावस्था, विधवा पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रतिमाह करा दी गई है।
-आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए 48.60 करोड़।
-राष्ट्रीय पोषक मिशन के तहत 45 करोड़ का प्रावधान।
-नंदागौरा योजना के लिए 80 करोड़ की धनराशि का प्रावधान
-मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना के लिए 17.50 करोड़।
-बाल पलास योजना के लिए 25 करोड़ का प्रावधान।
-महिला पोषण के लिए 20 करोड़ का प्रावधान
-समाज कल्याण महिला सशक्तीकरण के लिए 2014.09 करोड़।
-शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 133 करोड़
-स्कूलों में 3 लाख से अधिक छात्रों को फर्नीचर उपलब्ध कराया जाएगा।
-सबके लिए स्वास्थ्य : शीघ्र ही 314 डाक्टरों के पदों को भरने के लिए चिकित्सक चयन आयोग
बना लिया जाएगा।
-अटल आयुष्मान योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान
-राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 380.50 करोड़ का प्रावधान।
-वनों को अग्निसुरक्षा से बचाने के लिए 19.92 करोड़ का प्रावधान।
-जायका परियोजना (वन पंचायतों के वन आवरण में वृद्धि, वनों के निक टवर्ती गांववालों की
-आजीविका में सुधार तथा वनों पर निर्भरता कम करने के लिए 110 करोड़ का प्रावधान।
-ईको टूरिज्म नीति जल्द लागू होगी।
-वीरचंद्र गढ़वाली योजना के लिए 17.50 करोड़ प्रावधान।