अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Updated Fri, 06 Mar 2020 01:47 PM IST
हर्ष मंदर (फाइल फोटो)
– फोटो : Social Media
सुप्रीम कोर्ट ने सीएए के विरोध में प्रदर्शनों के दौरान घृणा फैलाने वाले भाषण देने के आरोपों पर कार्यकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी नहीं किया है। अदालत ने कहा है कि उसने हर्ष मंदर उन पर लगे आरोपों का जवाब मांगा है। हर्ष मंदर को अब अदालत में आरोपों का जवाब देना होगा।
सरकार को घेरने वाले हर्ष मंदर सुप्रीम कोर्ट में खुद घिरे
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के पक्ष-विपक्ष में भड़की दिल्ली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर सीएए पर अपने ही भाषण को लेकर पिछली सुनवाई(4 मार्च) के दौरान सवालों के घेरे में आ गए थे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को दिल्ली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मंदर के वायरल वीडियो की जानकारी दी थी। शीर्ष अदालत के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने परीक्षण करने का निर्णय लिया और शुक्रवार तक जवाब मांगा था।
वायरल वीडियो में मंदर कथित तौर पर सीएए पर न्याय के लिए लोगों से सड़कों पर उतर संघर्ष करने का आह्वान कर रहे हैं। मंदर ने जामिया इलाकों में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश का भविष्य तय करने के लिए लोगों को सड़क पर उतरना होगा, क्योंकि एनआरसी, अयोध्या व जम्मू-कश्मीर मामले में सुप्रीम कोर्ट मानवता, समानता और धर्मनिरपेक्षता को बचाने में नाकाम रहा है।
पीठ ने मंदर की वकील करुणा नंदी से कहा, ‘अगर आप कोर्ट के बारे में ऐसा विचार रखते हैं तो हम इस पर आपका जवाब चाहेंगे। आपकी याचिका पर सुनवाई करने से पहले हम आपके द्वारा दिए बयान का परीक्षण करेंगे।’
नंदी ने कहा कि मंदर ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। कथित वीडियो की प्रमाणिकता पर लेकर उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए वक्त दिया जाए। पीठ ने मंदर को शुक्रवार तक इस मसले पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा। इस पर नंदी ने पीठ से गुहार लगाई कि मंदर अभी देश से बाहर हैं, लिहाजा उन्हें और वक्त दिया जाए, लेकिन पीठ ने और वक्त देने से इनकार कर दिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि अगर पीठ मंदर के इस वीडियो को देखना चाहती है तो वह दिखा सकते हैं। जिस पर पीठ ने कहा कि हम मंदर की याचिका पर तब सुनवाई करेंगे जब तक यह साबित नहीं हो जाता है कि उन्होंने यह टिप्पणी की है या नहीं?
सुप्रीम कोर्ट ने सीएए के विरोध में प्रदर्शनों के दौरान घृणा फैलाने वाले भाषण देने के आरोपों पर कार्यकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी नहीं किया है। अदालत ने कहा है कि उसने हर्ष मंदर उन पर लगे आरोपों का जवाब मांगा है। हर्ष मंदर को अब अदालत में आरोपों का जवाब देना होगा।
सरकार को घेरने वाले हर्ष मंदर सुप्रीम कोर्ट में खुद घिरे
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के पक्ष-विपक्ष में भड़की दिल्ली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर सीएए पर अपने ही भाषण को लेकर पिछली सुनवाई(4 मार्च) के दौरान सवालों के घेरे में आ गए थे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को दिल्ली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मंदर के वायरल वीडियो की जानकारी दी थी। शीर्ष अदालत के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने परीक्षण करने का निर्णय लिया और शुक्रवार तक जवाब मांगा था।
वायरल वीडियो में मंदर कथित तौर पर सीएए पर न्याय के लिए लोगों से सड़कों पर उतर संघर्ष करने का आह्वान कर रहे हैं। मंदर ने जामिया इलाकों में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश का भविष्य तय करने के लिए लोगों को सड़क पर उतरना होगा, क्योंकि एनआरसी, अयोध्या व जम्मू-कश्मीर मामले में सुप्रीम कोर्ट मानवता, समानता और धर्मनिरपेक्षता को बचाने में नाकाम रहा है।
पीठ ने मंदर की वकील करुणा नंदी से कहा, ‘अगर आप कोर्ट के बारे में ऐसा विचार रखते हैं तो हम इस पर आपका जवाब चाहेंगे। आपकी याचिका पर सुनवाई करने से पहले हम आपके द्वारा दिए बयान का परीक्षण करेंगे।’
नंदी ने कहा कि मंदर ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। कथित वीडियो की प्रमाणिकता पर लेकर उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए वक्त दिया जाए। पीठ ने मंदर को शुक्रवार तक इस मसले पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा। इस पर नंदी ने पीठ से गुहार लगाई कि मंदर अभी देश से बाहर हैं, लिहाजा उन्हें और वक्त दिया जाए, लेकिन पीठ ने और वक्त देने से इनकार कर दिया।
कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि अगर पीठ मंदर के इस वीडियो को देखना चाहती है तो वह दिखा सकते हैं। जिस पर पीठ ने कहा कि हम मंदर की याचिका पर तब सुनवाई करेंगे जब तक यह साबित नहीं हो जाता है कि उन्होंने यह टिप्पणी की है या नहीं?
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