दिल्ली हिंसा के दौरान सरेआम गोलियां चलाने वाले शाहरुख के कई शौक हैं। चार गर्लफ्रेंड रखता है, मुंगेर की पिस्तौल भी साथ रहती है और हौजखास विलेज में देर रात होने वाली पार्टियों में उसका आना जाना होता है। वह नियमित तौर पर जिम जाता है। टिकटॉक वीडियो बनाने का भी शौक़ीन है। दिल्ली पुलिस की पूछताछ में ये सब जानकारी सामने आई है।
24 फरवरी को शाहरुख अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए घर से निकला था। उसकी अपनी गर्लफ्रेंड से बात भी हो गई थी, लेकिन जैसे ही उसे मालूम हुआ कि जाफराबाद में दो पक्षों के बीच दंगा हो रहा है, उसने अपना इरादा बदल लिया। वह बीच रास्ते से वापस लौटा और अपनी पिस्तौल लेकर जाफराबाद में पहुंच गया।वहां उसने गोलियां चला दी।शाहरुख ने मुंगेर में बनी वह पिस्तौल अपनी ही फैक्टरी के एक कर्मचारी से 10 हजार रुपये में खरीदी थी।
दिल्ली पुलिस ने तीन मार्च को यूपी के शामली से शाहरुख को गिरफ़्तार किया था। 24 फरवरी को जाफराबाद में हुई हिंसा के दौरान उसने कई गोलियां चलाई, बल्कि दिल्ली पुलिस के एक जवान पर भी पिस्तौल तान दी थी।उस वक्त शाहरुख को पुलिस ने गिरफ़्तार नहीं किया। वह फायर करता हुआ वहां से चला गया।पुलिस पूछताछ के दौरान उसने बताया कि गोली चलाने के बाद वह सीधे अपने घर पर आया था। तब तक उसे यह अहसास नहीं था कि उसने कितना बड़ा अपराध किया है। उसने टीवी पर देखा कि उसकी फोटो आ रही है तो वह समझ गया कि अब किसी भी वक्त पुलिस यहां पर दस्तक दे सकती है।
करीब तीस मिनट बाद ही वह अपने घर से निकल गया।सूत्रों के अनुसार, जब वह घर से निकला तो पिस्तौल उसके पास ही था। वह हेलमेट लगाकर अपनी बाइक पर निकला था। खास बात यह रही कि शाहरुख ने फायरिंग की घटना वाले दिन ही दिल्ली नहीं छोड़ी, बल्कि उस रात को वह कनॉट प्लेस इलाके में छिपा रहा।वह सारी रात एक पार्किंग में छिपकर बैठा रहा।हालाँकि उसके पार गाड़ी थी।
पंजाब वाले रिश्तेदार ने शरण देने से मना किया तो उसने बीच रास्ते में अपनी गाड़ी का स्टेयरिंग घुमा दिया …
कनॉट प्लेस की पार्किंग में पूरी रात गुजारने के बाद अगले दिन वह पंजाब के लिए रवाना हो गया।जब वह सोनीपत से थोड़ा आगे पहुंचा तो उसने अपने रिश्तेदार को फोन लगाया।उससे कहा कि वह जालंधर आ रहा है।उस वक्त तक शाहरुख का रिश्तेदार सब कुछ जान चुका था।उसने टीवी पर शाहरुख की खबर देख ली थी।उसका रिश्तेदार जानता था कि यदि उसने शाहरुख को शरण दी तो देर सवेर यहां भी पुलिस पहुंच सकती है।
यही वजह रही कि उसके रिश्तेदार ने उसे अपने यहां आने से मना कर दिया।इसके बाद वह पानीपत चला गया।वहीं से वह बरेली चला आया।यहां से वह शामली चला गया।शामली में वह अपने एक दूसरे रिश्तेदार के घर पर ठहरा था।हालांकि दो तीन बाद उसने अपने रिश्तेदार को सारी बात बता दी थी।दिन में वह घर पर नहीं ठहरता था, बल्कि इधर उधर खेत खलियानों की ओर चला जाता था।रात के समय वह वापस घर लौट आता था।उसने अपनी गाड़ी को भी आसपास के इलाके में ही छिपा दिया था।यह गाड़ी यानी एस्टीम कार उसके चाचा की थी।
पुलिस से बचने के लिए खरीदा नया मोबाइल …
शाहरुख जानता था कि दिल्ली पुलिस उसकी तलाश कर रही है। दिल्ली में उसके घर के अलावा आसपास के कई रिश्तेदारों के यहां पर भी दबिश दे चुकी है। कई दिन बाद उसका परिवार भी दिल्ली वाले मकान पर ताला लगाकर कहीं चला गया था। जब वह शामली में रह रहा था तो उसने एक नया मोबाइल खरीदा। खास बात है कि उसने सिम नया नहीं खरीदा। उसके पास एक पुराना सिम पड़ा हुआ था। उसका इस्तेमाल वह कभी कभार ही करता था।
पुलिस को शाहरुख ने बताया कि वह नंबर सभी के पास नहीं था। उसकी गर्लफ्रेंड को इस नंबर की जानकारी थी। दिल्ली पुलिस की टीम ने जब उसे गिरफ्तार किया तब वह घर से थोड़ी दूरी पर स्थित बस अड्डे के निकट खड़ा था। पुलिस ने शाहरुख की गाड़ी और मोबाइल फोन को अपने कब्जे लेने के प्रयास शुरु कर दिए हैं।
दिल्ली पुलिस के जवान पर जो पिस्तौल तानी थी, उसे नहर में फेंक दिया था!…
शाहरुख को गिरफ़्तार करने के बाद पुलिस ने जब उससे पिस्तौल के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह तो उसने नहर में फेंक दी थी।ये वही पिस्तौल थी, जिससे उसने जाफराबाद में गोलियां चलाई थी और दिल्ली पुलिस के जवान पर भी ताना था।पुलिस ने शाहरुख की स्टोरी को भांप लिया था।पुलिस ने जब सख्ती बरती तो शाहरुख टूट गया।उसने बता दिया कि वह पिस्तौल नहर में नहीं फेंकी, बल्कि उसे दिल्ली में कहीं पर छिपा कर रखा है।पुलिस का कहना है कि शाहरुख की निशानदेही पर अब बहुत जल्द पिस्तौल बरामद कर ली जाएगी।जिस कर्मचारी ने उसे ये पिस्तौल लाकर दी थी, वह मुंगेर का रहने वाला है।
दिल्ली हिंसा के दौरान सरेआम गोलियां चलाने वाले शाहरुख के कई शौक हैं। चार गर्लफ्रेंड रखता है, मुंगेर की पिस्तौल भी साथ रहती है और हौजखास विलेज में देर रात होने वाली पार्टियों में उसका आना जाना होता है। वह नियमित तौर पर जिम जाता है। टिकटॉक वीडियो बनाने का भी शौक़ीन है। दिल्ली पुलिस की पूछताछ में ये सब जानकारी सामने आई है।
24 फरवरी को शाहरुख अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए घर से निकला था। उसकी अपनी गर्लफ्रेंड से बात भी हो गई थी, लेकिन जैसे ही उसे मालूम हुआ कि जाफराबाद में दो पक्षों के बीच दंगा हो रहा है, उसने अपना इरादा बदल लिया। वह बीच रास्ते से वापस लौटा और अपनी पिस्तौल लेकर जाफराबाद में पहुंच गया।वहां उसने गोलियां चला दी।शाहरुख ने मुंगेर में बनी वह पिस्तौल अपनी ही फैक्टरी के एक कर्मचारी से 10 हजार रुपये में खरीदी थी।
दिल्ली पुलिस ने तीन मार्च को यूपी के शामली से शाहरुख को गिरफ़्तार किया था। 24 फरवरी को जाफराबाद में हुई हिंसा के दौरान उसने कई गोलियां चलाई, बल्कि दिल्ली पुलिस के एक जवान पर भी पिस्तौल तान दी थी।उस वक्त शाहरुख को पुलिस ने गिरफ़्तार नहीं किया। वह फायर करता हुआ वहां से चला गया।पुलिस पूछताछ के दौरान उसने बताया कि गोली चलाने के बाद वह सीधे अपने घर पर आया था। तब तक उसे यह अहसास नहीं था कि उसने कितना बड़ा अपराध किया है। उसने टीवी पर देखा कि उसकी फोटो आ रही है तो वह समझ गया कि अब किसी भी वक्त पुलिस यहां पर दस्तक दे सकती है।
करीब तीस मिनट बाद ही वह अपने घर से निकल गया।सूत्रों के अनुसार, जब वह घर से निकला तो पिस्तौल उसके पास ही था। वह हेलमेट लगाकर अपनी बाइक पर निकला था। खास बात यह रही कि शाहरुख ने फायरिंग की घटना वाले दिन ही दिल्ली नहीं छोड़ी, बल्कि उस रात को वह कनॉट प्लेस इलाके में छिपा रहा।वह सारी रात एक पार्किंग में छिपकर बैठा रहा।हालाँकि उसके पार गाड़ी थी।
पंजाब वाले रिश्तेदार ने शरण देने से मना किया तो उसने बीच रास्ते में अपनी गाड़ी का स्टेयरिंग घुमा दिया …
कनॉट प्लेस की पार्किंग में पूरी रात गुजारने के बाद अगले दिन वह पंजाब के लिए रवाना हो गया।जब वह सोनीपत से थोड़ा आगे पहुंचा तो उसने अपने रिश्तेदार को फोन लगाया।उससे कहा कि वह जालंधर आ रहा है।उस वक्त तक शाहरुख का रिश्तेदार सब कुछ जान चुका था।उसने टीवी पर शाहरुख की खबर देख ली थी।उसका रिश्तेदार जानता था कि यदि उसने शाहरुख को शरण दी तो देर सवेर यहां भी पुलिस पहुंच सकती है।
यही वजह रही कि उसके रिश्तेदार ने उसे अपने यहां आने से मना कर दिया।इसके बाद वह पानीपत चला गया।वहीं से वह बरेली चला आया।यहां से वह शामली चला गया।शामली में वह अपने एक दूसरे रिश्तेदार के घर पर ठहरा था।हालांकि दो तीन बाद उसने अपने रिश्तेदार को सारी बात बता दी थी।दिन में वह घर पर नहीं ठहरता था, बल्कि इधर उधर खेत खलियानों की ओर चला जाता था।रात के समय वह वापस घर लौट आता था।उसने अपनी गाड़ी को भी आसपास के इलाके में ही छिपा दिया था।यह गाड़ी यानी एस्टीम कार उसके चाचा की थी।
पुलिस से बचने के लिए खरीदा नया मोबाइल …
शाहरुख जानता था कि दिल्ली पुलिस उसकी तलाश कर रही है। दिल्ली में उसके घर के अलावा आसपास के कई रिश्तेदारों के यहां पर भी दबिश दे चुकी है। कई दिन बाद उसका परिवार भी दिल्ली वाले मकान पर ताला लगाकर कहीं चला गया था। जब वह शामली में रह रहा था तो उसने एक नया मोबाइल खरीदा। खास बात है कि उसने सिम नया नहीं खरीदा। उसके पास एक पुराना सिम पड़ा हुआ था। उसका इस्तेमाल वह कभी कभार ही करता था।
पुलिस को शाहरुख ने बताया कि वह नंबर सभी के पास नहीं था। उसकी गर्लफ्रेंड को इस नंबर की जानकारी थी। दिल्ली पुलिस की टीम ने जब उसे गिरफ्तार किया तब वह घर से थोड़ी दूरी पर स्थित बस अड्डे के निकट खड़ा था। पुलिस ने शाहरुख की गाड़ी और मोबाइल फोन को अपने कब्जे लेने के प्रयास शुरु कर दिए हैं।
दिल्ली पुलिस के जवान पर जो पिस्तौल तानी थी, उसे नहर में फेंक दिया था!…
शाहरुख को गिरफ़्तार करने के बाद पुलिस ने जब उससे पिस्तौल के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह तो उसने नहर में फेंक दी थी।ये वही पिस्तौल थी, जिससे उसने जाफराबाद में गोलियां चलाई थी और दिल्ली पुलिस के जवान पर भी ताना था।पुलिस ने शाहरुख की स्टोरी को भांप लिया था।पुलिस ने जब सख्ती बरती तो शाहरुख टूट गया।उसने बता दिया कि वह पिस्तौल नहर में नहीं फेंकी, बल्कि उसे दिल्ली में कहीं पर छिपा कर रखा है।पुलिस का कहना है कि शाहरुख की निशानदेही पर अब बहुत जल्द पिस्तौल बरामद कर ली जाएगी।जिस कर्मचारी ने उसे ये पिस्तौल लाकर दी थी, वह मुंगेर का रहने वाला है।