न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई।
Updated Thu, 05 Mar 2020 11:09 PM IST
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के प्रबल समर्थक विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों से अपनी सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले ही पद छोड़ने का फैसला किया है। घटती जीडीपी, बैंकों के विलय और महंगाई पर नियंत्रण की कोशिश के बीच उनका इस्तीफा आरबीआई के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
आरबीआई में 29 साल से सेवारत डिप्टी गवर्नर 31 मार्च को कार्यमुक्त हो जाएंगे। बैंकिंग नियमन, सहकारी बैंकों, आर्थिक स्थिरता को देखने वाले विश्वनाथन को पिछले साल जून में एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था। उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक डॉक्टरों ने तनाव के कारण उन्हें आराम करने की सलाह दी थी, उसके बाद विश्वनाथन ने इस्तीफा देने का फैसला किया। पिछले एक साल में केंद्रीय बैंक में यह तीसरा इस्तीफा है।
इस घटनाक्रम से संबद्ध सूत्र ने बताया कि रिजर्व बैंक ने विश्वनाथन के 31 मार्च तक सेवानिवृत्ति देने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। हालांकि इस पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुमति मिलना बाकी है। स्वास्थ्य कारणों के चलते इसे किसी भी दिन स्वीकार किया जा सकता है।
इधर, रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि करने या इनकार करने से मना किया। सूत्रों ने बताया कि खराब स्वास्थ्य के चलते विश्वनाथन की योजना अप्रैल के अंत तक सेवानिवृत्ति लेने की थी, लेकिन शरीर के ठीक नहीं रहने की स्थिति में उन्होंने और जल्दी सेवानिवृत्ति देने का अनुरोध किया है।
विश्वनाथन के इस्तीके से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बीते जनवरी माह में माइकल पात्रा को नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया था। माइकल की नियुक्ति तीन साल के लिए दी गई। बता दें कि डिप्टी गवर्नर के साथ ही माइकल पात्रा आरबीआई के कार्यकारी निदेशक और मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य भी हैं।
अगस्त से खाली पड़ा था पद
बता दें कि विरल आचार्य ने अगस्त 2019 में अपने पद से इस्तीफा दिया था। तब से यह पद खाली था। आचार्य से पहले उर्जित पटेल इस पद पर रहे थे। बता दें कि व्यक्तिगत कारणों से आचार्य ने 23 जुलाई के बाद रिजर्व बैंक में सेवा देने में असमर्थता जताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।
आरबीआई के चौथे डिप्टी गवर्नर बने थे पात्रा
जनवरी में नियुक्ति पाने वाले पात्रा आरबीआई के चौथे नंबर के डिप्टी गवर्नर बनाए गए थे। इससे पहले तक आरबीआई के तीन डिप्टी गवर्नर थे – एनएस विश्वनाथन, बीपी कनुनगो और एमके जैन। इनमें से विश्वनाथन ने इस्तीफा दिया है। वहीं शक्तिकांत दास आरबीआई के गवर्नर हैं।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के प्रबल समर्थक विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों से अपनी सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले ही पद छोड़ने का फैसला किया है। घटती जीडीपी, बैंकों के विलय और महंगाई पर नियंत्रण की कोशिश के बीच उनका इस्तीफा आरबीआई के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
आरबीआई में 29 साल से सेवारत डिप्टी गवर्नर 31 मार्च को कार्यमुक्त हो जाएंगे। बैंकिंग नियमन, सहकारी बैंकों, आर्थिक स्थिरता को देखने वाले विश्वनाथन को पिछले साल जून में एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था। उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक डॉक्टरों ने तनाव के कारण उन्हें आराम करने की सलाह दी थी, उसके बाद विश्वनाथन ने इस्तीफा देने का फैसला किया। पिछले एक साल में केंद्रीय बैंक में यह तीसरा इस्तीफा है।
इस घटनाक्रम से संबद्ध सूत्र ने बताया कि रिजर्व बैंक ने विश्वनाथन के 31 मार्च तक सेवानिवृत्ति देने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। हालांकि इस पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुमति मिलना बाकी है। स्वास्थ्य कारणों के चलते इसे किसी भी दिन स्वीकार किया जा सकता है।
इधर, रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि करने या इनकार करने से मना किया। सूत्रों ने बताया कि खराब स्वास्थ्य के चलते विश्वनाथन की योजना अप्रैल के अंत तक सेवानिवृत्ति लेने की थी, लेकिन शरीर के ठीक नहीं रहने की स्थिति में उन्होंने और जल्दी सेवानिवृत्ति देने का अनुरोध किया है।
जनवरी में एक नए डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति की थी
विश्वनाथन के इस्तीके से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बीते जनवरी माह में माइकल पात्रा को नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया था। माइकल की नियुक्ति तीन साल के लिए दी गई। बता दें कि डिप्टी गवर्नर के साथ ही माइकल पात्रा आरबीआई के कार्यकारी निदेशक और मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य भी हैं।
अगस्त से खाली पड़ा था पद
बता दें कि विरल आचार्य ने अगस्त 2019 में अपने पद से इस्तीफा दिया था। तब से यह पद खाली था। आचार्य से पहले उर्जित पटेल इस पद पर रहे थे। बता दें कि व्यक्तिगत कारणों से आचार्य ने 23 जुलाई के बाद रिजर्व बैंक में सेवा देने में असमर्थता जताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।
आरबीआई के चौथे डिप्टी गवर्नर बने थे पात्रा
जनवरी में नियुक्ति पाने वाले पात्रा आरबीआई के चौथे नंबर के डिप्टी गवर्नर बनाए गए थे। इससे पहले तक आरबीआई के तीन डिप्टी गवर्नर थे – एनएस विश्वनाथन, बीपी कनुनगो और एमके जैन। इनमें से विश्वनाथन ने इस्तीफा दिया है। वहीं शक्तिकांत दास आरबीआई के गवर्नर हैं।
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