ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 05 Mar 2020 12:08 PM IST
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सार
- लोगों को करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना
- ऑनलाइन या कोर्ट में ही चालान भरने की सुविधा
विस्तार
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुराने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत मौके पर ही चालान जमा करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के चलते लोगों को चालान की राशि जमा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
Delhi High Court asks Centre, Delhi Govt and Delhi Police to file a response to PIL which states that public at large is facing difficulties while compounding the Challan for violation of the provisions of Motor Vehicle Act 1988 after amendment of the Act.
— ANI (@ANI) March 5, 2020
वकील अमित साहनी ने अपनी याचिका में कहा था कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद लोगों की परेशानी बढ़ गई हैं। उनका कहना है कि लालबत्ती जंप या बिना हेलमेट वाहन चलाने पर कटने वाले चटालान के लिए या तो कोर्ट जाना पड़ता है या फिर ऑनलाइन चालानन भरना पड़ता है। जिसमें क्रेडिट या डेबिट कार्ड का प्रयोग करना पड़ता है।
अपनी याचिका में साहनी ने लिखा कि देश में कई लोगों के पास अभी भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड नहीं है। यहां तक कि कुछ लोग ऑनलाइन चालान जमा करना भी नहीं जानते हैं। जिसके चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं कोर्ट में चालान की राशि जमा करने के बाद उन्हें ट्रैफिक पुलिस सर्किल ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते हैं।
याचिकाकर्ता ने अपनी इस जनहित याचिका में दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और परिवहन मंत्रालय को पार्टी बनाया है। वहीं मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में मौके पर चालान की राशि भरने का प्रावधान था, जिसे संशोधित कानून में शामिल नहीं किया गया है।