डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, मुंबई
Updated Tue, 03 Mar 2020 03:20 AM IST
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
– फोटो : ट्विटर
महाराष्ट्र में वर्षों से प्रलंबित धनगर (गड़रिया) समाज की ओर से की जा रही आरक्षण की मांग पर सरकार ने बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को विधान परिषद में घोषणा की कि अन्य समाज की तरह धनगर समाज को भी आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि इस संबंध में जरूरत पड़ी तो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाएगा और केंद्र सरकार से भी चर्चा की जाएगी।
सोमवार को विधान परिषद में धनगर समाज के आरक्षण के मामले में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के चलते विधान परिषद सभापति रामराजे नाईक निंबालकर को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। भाजपा के विधायक आदिवासी विकास मंत्री केसी पाडवी से इसको लेकर जवाब मांगा। वहीं, महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने धनगर समाज को आरक्षण से दूर रखने के लिए पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
सत्तापक्ष के विधायकों ने सवाल किया कि बीते पांच साल सत्ता में रहने के दौरान भाजपा ने क्या किया। कांग्रेस के शरद रणपिसे और एनसीपी के नेता व समाजिक न्यायमंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि भाजपा धनगर समाज के लोगों को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण देने में विफल रही।
वहीं, भाजपा विधायक विनायक मेटे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के तीन महीने हो चुके हैं इसलिए वह ऊपरी सदन को सूचित करें कि धनगर समाज को आरक्षण के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सदन को आश्वस्त किया कि धनगर समाज को आरक्षण देने के लिए हरसंभव उपाय किए जाएंगे।
सार
सोमवार को विधान परिषद में धनगर समाज के आरक्षण के मामले में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के चलते विधान परिषद सभापति रामराजे नाईक निंबालकर को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
विस्तार
महाराष्ट्र में वर्षों से प्रलंबित धनगर (गड़रिया) समाज की ओर से की जा रही आरक्षण की मांग पर सरकार ने बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को विधान परिषद में घोषणा की कि अन्य समाज की तरह धनगर समाज को भी आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि इस संबंध में जरूरत पड़ी तो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाएगा और केंद्र सरकार से भी चर्चा की जाएगी।
सोमवार को विधान परिषद में धनगर समाज के आरक्षण के मामले में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के चलते विधान परिषद सभापति रामराजे नाईक निंबालकर को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। भाजपा के विधायक आदिवासी विकास मंत्री केसी पाडवी से इसको लेकर जवाब मांगा। वहीं, महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने धनगर समाज को आरक्षण से दूर रखने के लिए पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
सत्तापक्ष के विधायकों ने सवाल किया कि बीते पांच साल सत्ता में रहने के दौरान भाजपा ने क्या किया। कांग्रेस के शरद रणपिसे और एनसीपी के नेता व समाजिक न्यायमंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि भाजपा धनगर समाज के लोगों को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण देने में विफल रही।
वहीं, भाजपा विधायक विनायक मेटे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के तीन महीने हो चुके हैं इसलिए वह ऊपरी सदन को सूचित करें कि धनगर समाज को आरक्षण के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सदन को आश्वस्त किया कि धनगर समाज को आरक्षण देने के लिए हरसंभव उपाय किए जाएंगे।
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