वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Updated Fri, 06 Mar 2020 10:17 AM IST
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
फेसबुक का कहना है कि उसने गुरुवार को 2020 की जनगणना के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप के चुनाव अभियान द्वारा चलाए गए भ्रामक विज्ञापनों को हटा दिया है। यह फैसला ऐसा समय पर लिया गया है जब अगले हफ्ते से जनगणना शुरू होनी है। ट्रंप के विज्ञापन में दुष्प्रचार के आरोप लगे थे।
इस हफ्ते की शुरुआत में राष्ट्रपति के लिए डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन नेशनल कमिटी ने संयुक्त रूप से ट्रंप मेक अमेरिका ग्रेट अगेन नाम से सोशल मीडिया साइट पर विज्ञापन चलाने शुरू किए थे।
विज्ञापन हटाने को लेकर फेसबुक का कहना है कि इसमें जनगणना के समय को लेकर भ्रम पैदा हो रहा था। विज्ञापन में लिखा था, ‘राष्ट्रपति ट्रंप को आज आधिकारिक 2020 कांग्रेसजन्य जिला जनगणना करने के लिए आपकी जरूरत है। अमेरिकी इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण चुनाव से पहले हम आपकी बात सुनना चाहते हैं।’
नागरिक अधिकार समूह का कहना है कि इस विज्ञापन ने जनगणना को ट्रंप के अभियान से जोड़ दिया है जो आधिकारिक सरकारी सर्वेक्षण का गलत चित्रण है। जनगणना सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक दुष्प्रचार बन गया है। इसके कारण फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर राजनीतिक भाषणों का संचालन करने को लेकर काफी दबाव आ गया है।
इस साल राष्ट्रपति के चुनाव में उम्मीदवारों से उम्मीद है कि वह राजनीतिक विज्ञापनों में करोड़ों रुपये खर्च करेंगे। वहीं कंपनियां लगातार नीतियों को लागू करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। राजनीतिक विज्ञापनों के मामले में फेसबुक ने सबसे ज्यादा स्वतंत्रता दी और उसकी आलोचना हुई है। वह राजनीतिक भाषणों, उम्मीदवारों और उनके अभियानों की भ्रामक जानकारी पोस्ट करने और उन संदेशों को विशिष्ट दर्शकों को लक्षित करने की अनुमति देता है।
फेसबुक का कहना है कि उसने गुरुवार को 2020 की जनगणना के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप के चुनाव अभियान द्वारा चलाए गए भ्रामक विज्ञापनों को हटा दिया है। यह फैसला ऐसा समय पर लिया गया है जब अगले हफ्ते से जनगणना शुरू होनी है। ट्रंप के विज्ञापन में दुष्प्रचार के आरोप लगे थे।
इस हफ्ते की शुरुआत में राष्ट्रपति के लिए डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन नेशनल कमिटी ने संयुक्त रूप से ट्रंप मेक अमेरिका ग्रेट अगेन नाम से सोशल मीडिया साइट पर विज्ञापन चलाने शुरू किए थे।
विज्ञापन हटाने को लेकर फेसबुक का कहना है कि इसमें जनगणना के समय को लेकर भ्रम पैदा हो रहा था। विज्ञापन में लिखा था, ‘राष्ट्रपति ट्रंप को आज आधिकारिक 2020 कांग्रेसजन्य जिला जनगणना करने के लिए आपकी जरूरत है। अमेरिकी इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण चुनाव से पहले हम आपकी बात सुनना चाहते हैं।’
नागरिक अधिकार समूह का कहना है कि इस विज्ञापन ने जनगणना को ट्रंप के अभियान से जोड़ दिया है जो आधिकारिक सरकारी सर्वेक्षण का गलत चित्रण है। जनगणना सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक दुष्प्रचार बन गया है। इसके कारण फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर राजनीतिक भाषणों का संचालन करने को लेकर काफी दबाव आ गया है।
इस साल राष्ट्रपति के चुनाव में उम्मीदवारों से उम्मीद है कि वह राजनीतिक विज्ञापनों में करोड़ों रुपये खर्च करेंगे। वहीं कंपनियां लगातार नीतियों को लागू करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। राजनीतिक विज्ञापनों के मामले में फेसबुक ने सबसे ज्यादा स्वतंत्रता दी और उसकी आलोचना हुई है। वह राजनीतिक भाषणों, उम्मीदवारों और उनके अभियानों की भ्रामक जानकारी पोस्ट करने और उन संदेशों को विशिष्ट दर्शकों को लक्षित करने की अनुमति देता है।
Source link