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एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लाशों के साथ हुई हैवानियत बताती है कि इस मामले के लिए कितनी खौफनाक साजिश रची गई थी। अधिकारी के मुताबिक लाशों को बांधकर उनके ऊपर ईंट और पत्थरों की बोरी बांध दी गई थी जिससे वे नीचे पड़े-पड़े ही सड़ जाएं और लोगों को इनके बारे में पता न चले। आनन-फानन में लाशों को ठिकाने लगान के लिए दंगाइयों ने यही तरीका अपनाया था।
मौत में किसी तरह की शंका न रह जाए, इसके लिए दंगाइयों ने लोगों का गला काटने के साथ-साथ एसिड से जलाने की कोशिश भी किया है। कई लोगों की शरीर पर अंकित शर्मा की तरह काफी अधिक बार धारदार हथियार से वार भी किया गया है। पोस्ट मॉर्टम से आ रही रिपोर्ट भी इसी तरह की साजिश का खुलासा कर रही है।
पूर्वी दिल्ली के आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक आपदा के समय लोगों को राहत पहुंचाने के लिए बनी टीम इस समय लोगों को रात पहुंचाने का काम कर रही है। इसके तहत लोगों को खाना-पानी और दवाएं पहुंचाने का काम किया जा रहा है। वहीं, गोताखोरों की टीम इस समय विभिन्न नालों को खंगाल रही है क्योंकि दिल्ली पुलिस को अभी भी कई लाशों के बरामद होने की आशंका है क्योंकि दंगों के दौरान ही कई लोग लापता हुए थे जो अभी तक अपने घरों को नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में लोगों को तरह-तरह का डर सता रहा है।
आशंका है कि अभी ऐसे भी लोगों के मारे जाने की बात सामने आ सकती है जिनका कोई सीधा करीबी यहां पर नहीं रहता है। जो लोग दिहाड़ी जैसी मजदूरी करते थे और सड़कें ही जिनका ठिकाना हुआ करती थीं, उनके बारे में लोगों को अभी ठीक-ठीक जानकारी नहीं है। ऐसे में आशंका जाहिर की जा रही है कि मौत का यह आंकड़ा अभी भी बढ़ सकता है।