अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Updated Fri, 06 Mar 2020 01:21 PM IST
दिल्ली हिंसा (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई को 12 मार्च तक के लिए टाल दिया है। जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरिशंकर की बेंच ने कहा कि हम दिल्ली हिंसा, नफरत वाले भाषण और सभी तरह के आवेदनों से जुड़े मामलों को 12 मार्च को सुनेंगे।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इन मामलों की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट को शुक्रवार को सुनवाई के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं के नफरत वाले और भड़काऊ भाषणों के मामले में बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को अहम निर्देश दिए थे।
अदालत ने हाईकोर्ट को इन नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग वाली याचिका सहित दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों पर 6 मार्च को सुनवाई करने को कहा था। पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की इस याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट में यह मामला लंबित है, सुप्रीम कोर्ट को इस पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए।
दिल्ली में स्थिति अभी सही नहीं है, इसलिए पुलिस ने भड़काऊ बयान देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला कुछ समय के लिए टाल दिया है। इस पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई 13 अप्रैल के लिए टालना न्यायोचित नहीं नजर आता। इस पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए।
साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट को इस मामले को शांतिपूर्वक समाधान की संभावनाएं तलाशने पर विचार करने के लिए कहा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के मामले को 13 अप्रैल तक के लिए टाल दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जिसे 12 मार्च के लिए टाल दिया गया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई को 12 मार्च तक के लिए टाल दिया है। जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरिशंकर की बेंच ने कहा कि हम दिल्ली हिंसा, नफरत वाले भाषण और सभी तरह के आवेदनों से जुड़े मामलों को 12 मार्च को सुनेंगे।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इन मामलों की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट को शुक्रवार को सुनवाई के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं के नफरत वाले और भड़काऊ भाषणों के मामले में बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को अहम निर्देश दिए थे।
अदालत ने हाईकोर्ट को इन नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग वाली याचिका सहित दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों पर 6 मार्च को सुनवाई करने को कहा था। पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की इस याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट में यह मामला लंबित है, सुप्रीम कोर्ट को इस पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए।
दिल्ली में स्थिति अभी सही नहीं है, इसलिए पुलिस ने भड़काऊ बयान देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला कुछ समय के लिए टाल दिया है। इस पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई 13 अप्रैल के लिए टालना न्यायोचित नहीं नजर आता। इस पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए।
साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट को इस मामले को शांतिपूर्वक समाधान की संभावनाएं तलाशने पर विचार करने के लिए कहा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के मामले को 13 अप्रैल तक के लिए टाल दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जिसे 12 मार्च के लिए टाल दिया गया।
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