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हालांकि बोर्ड ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं कराने में और देरी होने से मेडिकल व इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर कोर्स में प्रवेश के अवसर प्रभावित हो सकते हैं। बोर्ड ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली व पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में 29 फरवरी तक 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी थी। इलाकों में सात मार्च तक स्कूल बंद हैं ।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) उत्तर-पूर्वी जिले में सोमवार से तय तिथियों के अनुसार 10वीं-12वीं की परीक्षा आयोजित करेगा। बोर्ड का कहना है कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों (उत्तर पूर्वी जिले) में बोर्ड परीक्षाएं कराने में देरी से मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ व अन्य स्नातक स्तर के दाखिले प्रभावित हो सकते हैं।
ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं को समय पर कराया जाना जरूरी है।सात मार्च तक जो छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे, उनके लिए परीक्षाएं बाद में आयोजित की जाएंगी। स्कूलों से पहले ही ऐसे छात्रों की सूची मांगी गई है, जो कि हिंसा के कारण पहले की परीक्षाएं नहीं दे पाए हैं।
सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी का कहना है कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बोर्ड परीक्षाएं कराने में और देरी से मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिले के अवसर प्रभावित हो सकते हैं। दरअसल, बोर्ड परीक्षाएं समाप्त होने के बाद उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा अप्रैल व मई में होती हैं।
बोर्ड परीक्षाओं को आगे के लिए टाला जाता है तो छात्रों के लिए तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। यदि बोर्ड समय पर परीक्षाएं आयोजित नहीं करता तो प्रवेश परीक्षाओं के अवसर प्रभावित हो सकते हैं।
उनका कहना है कि बोर्ड उन छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाएं फिर से कराने को तैयार है, जो हिंसा के कारण तय तिथियों पर परीक्षाओं में नहीं बैठ पाए थे। सचिव के अनुसार, दिल्ली पुलिस से परामर्श के बाद यह तय किया गया है कि जो छात्र परीक्षा में उपस्थित होने की स्थिति में हैं, उनके लिए सुचारु व सुरक्षित परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं।
बोर्ड ने पुलिस आयुक्त को भी पत्र लिखकर छात्रों की सुरक्षा के लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थित परीक्षा केंद्रों और उसके आसपास पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। जो कल परीक्षा नहीं दे सकते हैं और जिन्हें कल परीक्षा देने में दिक्कत हो सकती है, उनके लिए सीबीएसई चिंतित है।
इसलिए तय किया गया है कि सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में 10वीं व 12वीं की परीक्षा आयोजित होंगी। जो 7 मार्च तक परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाएंगे, उनके लिए बाद में परीक्षा आयोजित होगी। प्रधानाचार्यों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसे छात्रों की सूची प्रदान करें।
हालांकि बोर्ड ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं कराने में और देरी होने से मेडिकल व इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर कोर्स में प्रवेश के अवसर प्रभावित हो सकते हैं। बोर्ड ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली व पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में 29 फरवरी तक 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी थी। इलाकों में सात मार्च तक स्कूल बंद हैं ।
पेशेवर कोर्स के प्रवेश में बाधा बन सकती है इम्तिहान में देरी
ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं को समय पर कराया जाना जरूरी है।सात मार्च तक जो छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे, उनके लिए परीक्षाएं बाद में आयोजित की जाएंगी। स्कूलों से पहले ही ऐसे छात्रों की सूची मांगी गई है, जो कि हिंसा के कारण पहले की परीक्षाएं नहीं दे पाए हैं।
सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी का कहना है कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बोर्ड परीक्षाएं कराने में और देरी से मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिले के अवसर प्रभावित हो सकते हैं। दरअसल, बोर्ड परीक्षाएं समाप्त होने के बाद उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा अप्रैल व मई में होती हैं।
बोर्ड परीक्षाओं को आगे के लिए टाला जाता है तो छात्रों के लिए तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। यदि बोर्ड समय पर परीक्षाएं आयोजित नहीं करता तो प्रवेश परीक्षाओं के अवसर प्रभावित हो सकते हैं।
उनका कहना है कि बोर्ड उन छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाएं फिर से कराने को तैयार है, जो हिंसा के कारण तय तिथियों पर परीक्षाओं में नहीं बैठ पाए थे। सचिव के अनुसार, दिल्ली पुलिस से परामर्श के बाद यह तय किया गया है कि जो छात्र परीक्षा में उपस्थित होने की स्थिति में हैं, उनके लिए सुचारु व सुरक्षित परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं।
बोर्ड ने पुलिस आयुक्त को भी पत्र लिखकर छात्रों की सुरक्षा के लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थित परीक्षा केंद्रों और उसके आसपास पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। जो कल परीक्षा नहीं दे सकते हैं और जिन्हें कल परीक्षा देने में दिक्कत हो सकती है, उनके लिए सीबीएसई चिंतित है।
इसलिए तय किया गया है कि सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में 10वीं व 12वीं की परीक्षा आयोजित होंगी। जो 7 मार्च तक परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाएंगे, उनके लिए बाद में परीक्षा आयोजित होगी। प्रधानाचार्यों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसे छात्रों की सूची प्रदान करें।