सीएम पटनायक ने गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के लिए दोपहर का भोज भी रखा।
Odisha: CM Naveen Patnaik hosted a lunch for Union Home Minister Amit Shah, Union Minister Dharmendra Pradhan, West Bengal CM Mamata Banerjee and Bihar CM Nitish Kumar at his residence in Bhubaneswar today. pic.twitter.com/hMMVxsEhiZ
— ANI (@ANI) February 28, 2020
नहीं पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बैठक में भाग नहीं ले रहे है। बैठक में भाग लेने में असमर्थ सोरेन ने राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर ओरांव को नियुक्त किया है। सूत्रों के अनुसार सोरेन की बैठक में अनुपस्थिति का कोई कारण नहीं बताया गया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि शायद झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने के कारण वह नहीं आये।
बता दें कि सभी जोनल काउंसिल के अध्यक्ष केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हैं। वहीं पूर्वी जोनल काउंसिल के उपाध्यक्ष ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हैं। इसमें राज्यों तथा केन्द्र के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वामपंथी उग्रवाद के अलावा ईजेडसी की बैठक में कोयला-रॉयल्टी में संशोधन, जघन्य अपराधों और रेल-संपर्क परियोजनाओं जैसे मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किये जाने की संभावना है।
एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में कई वीवीआईपी लोगों की मौजूदगी के मद्देनजर ओडिशा पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये है। उन्होंने बताया कि संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में यहां शाह की जनसभा के लिए विशेष प्रबंध किये गये है।
उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं के पार मवेशियों की तस्करी, दूर-दराज के इलाकों में दूरसंचार और बैंकिंग बुनियादी ढांचे की कमी, पेट्रोलियम परियोजनाओं, केन्द्रीय रूप से एकत्र किए गए राजस्व पर साझा प्रणाली और अन्य पर भी चर्चा की जा सकती है।
बैठक के मद्देनजर मुख्य सचिव ए के त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा था कि हम कोयला-रॉयल्टी संशोधन और ओडिशा के सुदूर क्षेत्रों में 11,000 गांवों में मोबाइल फोन संपर्क से संबंधित मुद्दों को उठाएंगे।
सूत्रों के अनुसार शाह गृह मंत्री बनने के बाद पहली बार ओडिशा की यात्रा पर आये है। पटनायक ने शाह को अपने आवास पर दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया है। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया गया है।
क्या होती है जोनल काउंसिल
कई राज्यों के बीच और केंद्र एवं राज्यों के बीच मिलकर काम करने की संस्कृति विकसित करने के उद्देश्य से राज्य पुनर्गठन कानून 1956 के अंतर्गत जोनल काउंसिलों का गठन किया गया था।
जोनल काउंसिलों को यह अधिकार दिया गया है कि वे आर्थिक और सामाजिक योजना के क्षेत्र में आपसी हित से जुड़े किसी भी मसले पर विचार-विमर्श करें और अपनी सिफारिशें केंद्र को दें।
ये जोनल काउंसिलें आर्थिक और सामाजिक आयोजना, भाषायी अल्पसंख्यकों, अंतर राज्यीय परिवहन जैसे साझा हित के मुद्दों के बारे में केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह दे सकती है। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के भाग-3 के तहत पांच जोनल काउंसिल स्थापित की गई हैं।
Odisha: Meeting of the Eastern Zonal Council, comprising of the states of Bihar, Jharkhand, Odisha, and West Bengal, being held in Bhubaneswar. Union Home Minister Amit Shah chairs the meeting where West Bengal CM, Odisha CM, and Bihar CM are present. pic.twitter.com/fu4vNTl1Pr
— ANI (@ANI) February 28, 2020