न्यूज डेस्क/अमर उजाला, लखनऊ
Updated Tue, 03 Mar 2020 10:50 AM IST
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खां के कार्यकाल में जल निगम में की गई 1188 नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। इनमें 853 जेई और 335 लिपिक हैं। ये सभी वर्तमान में जल निगम में तैनात थे।
वर्ष 2016 में हुई इन भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली की शिकायतों के बाद हाईकोर्ट ने एसआईटी को जांच सौंपी थी। एसआईटी की जांच में शिकायतें सही पाए जाने के बाद सरकार ने सोमवार देर रात यह कार्रवाई की। कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि मेरिट सूची में ऊपर होने के बावजूद उनका चयन नहीं किया गया था।
एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर मुख्य अभियंता आईके श्रीवास्तव ने जेई व लिपिकों की भर्तियों को रद्द करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि लिपिकों को अब तक दिए गए वेतन-भत्ते आदि की वसूली नहीं की जाएगी।
एसआईटी ने अपनी जांच में कहा है कि परीक्षा कराने वाली मुंबई की एजेंसी एपटेक लिमिटेड ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत परीक्षा से संबंधित सभी डाटा नष्ट कर दिया है। उसने सहायक अभियंता, अवर अभियंता और नैत्यिक लिपिक की परीक्षा को रद्द करने की संस्तुति भी की थी।
वर्ष 2016 में इन पदों पर हुई थीं भर्तियां
नैत्यिक लिपिक 335 आशुलिपिक 63
सहायक अभियंता (सिविल/इलेक्ट्रिकल/विद्युत/यांत्रिक) 122
अवर अभियंता सिविल 727 अवर अभियंता विद्युत/यांत्रिक 126
(इनमें 122 सहायक अभियंताओं की भर्ती पहले ही रद्द हो चुकी है।)
यह परीक्षा कराने की जिम्मेदारी मुंबई की एपटेक लिमिटेड को दी गई थी। इस ऑनलाइन परीक्षा में अनियमितता की शिकायत पर छात्र हाईकोर्ट पहुंचे तो अदालत के निर्देश पर गृह विभाग ने एसआईटी को जांच सौंपी थी। जांच शुरू होते ही एपटेक ने मेन सर्वर से पूरा डाटा ही गायब कर दिया गया था, जबकि अनुबंध के अनुसार उसे पूरा डाटा छह माह तक सुरक्षित रखना था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खां के कार्यकाल में जल निगम में की गई 1188 नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। इनमें 853 जेई और 335 लिपिक हैं। ये सभी वर्तमान में जल निगम में तैनात थे।
वर्ष 2016 में हुई इन भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली की शिकायतों के बाद हाईकोर्ट ने एसआईटी को जांच सौंपी थी। एसआईटी की जांच में शिकायतें सही पाए जाने के बाद सरकार ने सोमवार देर रात यह कार्रवाई की। कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि मेरिट सूची में ऊपर होने के बावजूद उनका चयन नहीं किया गया था।
एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर मुख्य अभियंता आईके श्रीवास्तव ने जेई व लिपिकों की भर्तियों को रद्द करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि लिपिकों को अब तक दिए गए वेतन-भत्ते आदि की वसूली नहीं की जाएगी।
एसआईटी ने अपनी जांच में कहा है कि परीक्षा कराने वाली मुंबई की एजेंसी एपटेक लिमिटेड ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत परीक्षा से संबंधित सभी डाटा नष्ट कर दिया है। उसने सहायक अभियंता, अवर अभियंता और नैत्यिक लिपिक की परीक्षा को रद्द करने की संस्तुति भी की थी।
जांच शुरू होते ही परीक्षा कराने वाली कंपनी ने गायब कर दिया था डाटा
वर्ष 2016 में इन पदों पर हुई थीं भर्तियां
नैत्यिक लिपिक 335 आशुलिपिक 63
सहायक अभियंता (सिविल/इलेक्ट्रिकल/विद्युत/यांत्रिक) 122
अवर अभियंता सिविल 727 अवर अभियंता विद्युत/यांत्रिक 126
(इनमें 122 सहायक अभियंताओं की भर्ती पहले ही रद्द हो चुकी है।)
यह परीक्षा कराने की जिम्मेदारी मुंबई की एपटेक लिमिटेड को दी गई थी। इस ऑनलाइन परीक्षा में अनियमितता की शिकायत पर छात्र हाईकोर्ट पहुंचे तो अदालत के निर्देश पर गृह विभाग ने एसआईटी को जांच सौंपी थी। जांच शुरू होते ही एपटेक ने मेन सर्वर से पूरा डाटा ही गायब कर दिया गया था, जबकि अनुबंध के अनुसार उसे पूरा डाटा छह माह तक सुरक्षित रखना था।
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